Chandrayaan-3: अगर चंद्रयान 3 को लॉन्च होते देखना चाहते हैं तो ऐसे करें रजिस्ट्रेशन, 14 जुलाई को भारत के चंद्र मिशन का प्रक्षेपण



Chandrayaan-3 Mission: भारत का चंद्र मिशन 'चंद्रयान-3' 14 जुलाई को लॉन्च किया जाएगा. सामने से इस लॉन्च का अनुभव लेने के लिए जनता के लिए रजिस्ट्रेशन विंडो खोली गई है
India Moon Mission: भारत के बहुप्रतीक्षित चंद्र मिशन 'चंद्रयान 3' के लॉन्च की तारीख एकदम नजदीक है. गुरुवार (6 जुलाई) को इसरो ने कहा कि 'चंद्रयान-3' 14 जुलाई को लॉन्च होगा. चंद्रयान-3 को ले जाने वाले इसरो के रॉकेट को श्री हरिकोटा के लॉन्चपैड पर स्थानांतरित किया जा रहा है. इसका एक वीडियो सामने आया है.
बहुत से लोगों को इस लॉन्च को सामने से देखने की जिज्ञासा है. आखिर आम जनता किस तरह से चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण को देख सकती है, इस बारे में इसरो की एक वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन विंडो खुल गई है.

Chandrayaan-3 Mission: भारत का चंद्र मिशन 'चंद्रयान-3' 14 जुलाई को लॉन्च किया जाएगा. सामने से इस लॉन्च का अनुभव लेने के लिए जनता के लिए रजिस्ट्रेशन विंडो खोली गई है

Chandrayaan-3: अगर चंद्रयान 3 को लॉन्च होते देखना चाहते हैं तो ऐसे करें रजिस्ट्रेशन, 14 जुलाई को भारत के चंद्र मिशन का प्रक्षेपण

India Moon Mission: भारत के बहुप्रतीक्षित चंद्र मिशन 'चंद्रयान 3' के लॉन्च की तारीख एकदम नजदीक है. गुरुवार (6 जुलाई) को इसरो ने कहा कि 'चंद्रयान-3' 14 जुलाई को लॉन्च होगा. चंद्रयान-3 को ले जाने वाले इसरो के रॉकेट को श्री हरिकोटा के लॉन्चपैड पर स्थानांतरित किया जा रहा है. इसका एक वीडियो सामने आया हत से लोगों को इस लॉन्च को सामने से देखने की जिज्ञासा है. आखिर आम जनता किस तरह से चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण को देख सकती है, इस बारे में इसरो की एक वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन विंडो खुल गई है.

ईस वेबसाइट से किया जा सकता है रजिस्ट्रेशन

lvg.shar.gov.in वेबसाइट पर जाकर दिए गए लिंक पर क्लिक करके आसानी रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है. वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में इसरो स्पेस थीम पार्क विकसित कर रहा है. इसका निर्माण कार्य प्रगति पर है. स्पेस थीम पार्क के प्रमुख आकर्षणों में रॉकेट गार्डन, लॉन्च वीउ व्यू गैलरी और स्पेस म्यूजियम शामिल हैं, जिन्हें विकसित किया जा रहा है. वर्तमान में जनता के लिए लॉन्च व्यू गैलरी और स्पेस म्यूजियम खुला हुआ है.

इसरो का नया प्रक्षेपण यान एलवीएम-3 चंद्र मिशन को अंजाम देगा. गुरुवार को इसरो ने ट्वीट किया, ''चंद्रयान-3: एलवीएम3-एम4/चंद्रयान-3 मिशन के प्रक्षेपण की घोषणा: प्रक्षेपण अब 14 जुलाई, 2023 को अपराह्न 2:35 बजे एसडीएससी (सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र), श्रीहरिकोटा से निर्धारित किया है

23 या 24 अगस्त को चंद्रमा पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ का रहेगा प्रयास

इस बीच, अंतरिक्ष एजेंसी के प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा कि चंद्रयान-3 मिशन के तहत इसरो 23 अगस्त या 24 अगस्त को चंद्रमा पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ का प्रयास करेगा. चंद्रयान-3 मिशन चंद्र रेजोलिथ के थर्मोफिजिकल गुणों, चंद्र भूकंपीयता, चंद्र सतह प्लाज्मा वातावरण और लैंडर के उतरने के स्थल के आसपास के क्षेत्र में मौलिक संरचना का अध्ययन करने के लिए वैज्ञानिक उपकरण ले जाएगा.

इसरो के अधिकारियों के अनुसार, लैंडर और रोवर पर इन वैज्ञानिक उपकरणों का दायरा जहां 'चंद्रमा के विज्ञान' थीम में फिट होगा, वहीं एक अन्य प्रायोगिक उपकरण चंद्र कक्षा से पृथ्वी के स्पेक्ट्रो-पोलरिमेट्रिक सिग्नेचर का अध्ययन करेगा, जो 'चंद्रमा से विज्ञान' थीम में फिट होगा.

चंद्रयान -3 के जरूरी परीक्षण कर लिए गए पूरे



इस साल मार्च में, चंद्रयान -3 अंतरिक्ष यान ने आवश्यक परीक्षणों को सफलतापूर्वक पूरा किया था जिससे प्रक्षेपण के दौरान आने वाले कठोर कंपन और ध्वनिक वातावरण का सामना करने की अंतरिक्ष यान की क्षमता की पुष्टि हुई. ये परीक्षण इस तथ्य के मद्देनजर विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण थे कि चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान, जिसे एलवीएम-3 (प्रक्षेपण यान मार्क-3) (पहले जीएसएलवी एमके-3 के रूप में जाना जाता था) से प्रक्षेपित किया जाएगा.

यह तीन मॉड्यूल- प्रणोदन, लैंडर और रोवर का एक संयोजन है. प्रणोदन मॉड्यूल में चंद्र कक्षा से पृथ्वी के वर्णक्रमीय और ध्रुवीय माप का अध्ययन करने के लिए ‘स्पेक्ट्रो-पोलरिमेट्रिक ऑफ हैबिटेबल प्नैनेट अर्थ’ (एसएचएपीई) नामक उपकरण है और यह लैंडर और रोवर को चंद्र कक्षा के 100 किलोमीटर तक ले जाएगा.

चंद्र लैंडर से संबंधित उपकरणों में तापीय चालकता और तापमान को मापने के लिए 'चंद्र सर्फेस थर्मोफिजिकल एक्सपेरिमेंट', लैंडर के उतरने के स्थल के आसपास भूकंपीयता को मापने के वास्ते 'इंस्ट्रूमेंट फॉर लूनर सिस्मिसिटी एक्टिविटी और प्लाज्मा घनत्व और इसकी विविधताओं का अनुमान लगाने के लिए 'लैंगमुइर प्रोब' नामक उपकरण हैं.

इस मिशन में नासा की क्या भूमिका है?

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) के एक ‘पैसिव लेजर रेट्रोरेफ्लेक्टर ऐरे’ को भी चंद्र लेजर अध्ययन के लिए समायोजित किया गया है. वहीं, रोवर से संबंधित उपकरणों में 'अल्फा पार्टिकल एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर' और 'लेजर इंड्यूस्ड ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोपी' शामिल हैं जो लैंडर के उतरने की जगह के आसपास मौलिक संरचना का अध्ययन करेंगे. लैंडर एक निर्दिष्ट चंद्र स्थल पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने और रोवर को तैनात करने की क्षमता से लैस है जो अपनी गतिशीलता के दौरान चंद्र सतह का रासायनिक विश्लेषण करेगा.

प्रणोदन मॉड्यूल का मुख्य कार्य लैंडर को प्रक्षेपण यान अंत:क्षेपण से 100 किमी की अंतिम चंद्र गोलाकार ध्रुवीय कक्षा तक ले जाना और इसे अलग करना है. इसके अलावा, प्रणोदन मॉड्यूल में मूल्यवर्धन के रूप में एक वैज्ञानिक उपकरण भी है, जिसे लैंडर मॉड्यूल के अलग होने के बाद संचालित किया जाएगा

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