आईएसआरओ भारत का मुख्य अंतरिक्ष अनुसंधान एजेंसी है और इसका भविष्य बहुत उज्ज्वल और उम्मीदवार है। आने वाले दो-तीन दशकों में आईएसआरओ नई ऊंचाइयों को छूने के लिए प्रयासरत रहेगा और भारत को विश्व अंतरिक्ष सामरिकी और वैज्ञानिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण स्थान प्रदान करेगा।
•गगनयान मिशन: आगामी दो-तीन दशकों में आईएसआरओ का मुख्य ध्येय गगनयान मिशन को पूरा करना होगा। भारत अपने खुद के मानवों को अंतरिक्ष यात्रा पर भेजने का सपना देख रहा है और आईएसआरओ इस सपने को साकार करने के लिए काम कर रहा है।
•उपग्रह और निर्माण क्षमता: आईएसआरओ अपनी उपग्रह निर्माण क्षमता को बढ़ाने के लिए भी काम करेगा। भारत अपने स्वदेशी उपग्रहों का निर्माण करने में मजबूत होने की दिशा में आगे बढ़ेगा, जिससे उपग्रह निर्माण और अंतरिक्ष यात्रा में आत्मनिर्भर बना रहेगा।
•सूर्य और अंतरिक्ष विज्ञान: आईएसआरओ विज्ञान और अनुसंधान क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा। सूर्य और अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में वैज्ञानिक और तकनीकी उन्नति होगी और भारतीय वैज्ञानिक आईएसआरओ के माध्यम से इसमें अहम भूमिका निभाएंगे।
•अंतरिक्ष संचार तंत्र: अंतरिक्ष संचार तंत्र क्षेत्र में भी आईएसआरओ अग्रणी रहेगा। उच्च गति और अधिकाधिक संचार की आवश्यकता के माध्यम से भारत अंतरिक्ष संचार में मजबूत होगा और आईएसआरओ इसके विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
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